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ISSN Approved Journal No: 2456-3315 | Impact factor: 8.14 | ESTD Year: 2016
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Paper Title: राजस्थान में स्टार्टअप फ्यूचर्स : उद्यमी, निवेशक और राजस्थान के आर्थिक विकास की संभावना :एक अध्ययन
Authors Name: योगेश कुमार जांगिड़
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Author Reg. ID:
IJRTI_190235
Published Paper Id: IJRTI2408025
Published In: Volume 9 Issue 8, August-2024
DOI:
Abstract: यह शोध पत्र राजस्थान में स्टार्टअप उद्यमी, निवेशक एवं राजस्थान के आर्थिक विकास में विकास सम्भावनाओं एवं चुनौतियों का अध्ययन करता है। शोध पत्र में राजस्थान में स्टार्टअप इकोसिस्टम के विकास, संभावनाओं, और चुनौतियों का विश्लेषण करती है। इसमें उद्यमियों, निवेशकों, और नीति-निर्माताओं के दृष्टिकोण से स्टार्टअप्स की भूमिका को समझने का प्रयास किया गया है। शोध पत्र में राजस्थान के आर्थिक विकास के लिए स्टार्टअप्स के महत्वपूर्ण योगदान को रेखांकित किया गया है। इसके अंतर्गत, विभिन्न क्षेत्रों जैसे कृषि, पर्यटन, टेक्नोलॉजी, और शिक्षा में स्टार्टअप्स के प्रभाव और उनके संभावित विकास के रास्तों पर चर्चा की गई है। इसके अतिरिक्त, शोध पत्र में राजस्थान की स्टार्टअप नीति, निवेश के अवसर, और सरकारी प्रोत्साहनों का भी गहन विश्लेषण किया गया है। इसमें राज्य की अनूठी सांस्कृतिक और सामाजिक संरचना के संदर्भ में स्टार्टअप्स की सफलता की संभावनाओं को भी समझने की कोशिश की गई है। अंत में, यह शोध पत्र उद्यमियों और निवेशकों के लिए एक मार्गदर्शिका के रूप में कार्य करती है, जो राजस्थान में स्टार्टअप्स के विकास में योगदान देना चाहते हैं और राज्य के आर्थिक विकास में अपनी भूमिका निभाना चाहते हैं। 1. प्रस्तावना (Introduction): राजस्थान, जो अपनी सांस्कृतिक धरोहर, ऐतिहासिक महत्त्व और समृद्ध परंपराओं के लिए प्रसिद्ध है, वर्तमान में एक ऐसे आर्थिक मोड़ पर खड़ा है जहाँ पारंपरिक उद्योगों के साथ-साथ नए आर्थिक अवसरों की आवश्यकता महसूस हो रही है। बदलते समय के साथ, जहाँ तकनीकी प्रगति और वैश्वीकरण ने दुनियाभर में आर्थिक परिवर्तनों की बुनियाद रखी है, राजस्थान भी एक नए युग में प्रवेश कर रहा है। इस नए युग का नाम है—उद्यमिता और स्टार्टअप्स का युग। स्टार्टअप के क्षेत्र में राजस्थान की वर्तमान आर्थिक स्थिति: राजस्थान का आर्थिक परिदृश्य विविध है, जहाँ कृषि, खनिज, और हस्तशिल्प जैसे पारंपरिक उद्योगों का महत्वपूर्ण योगदान है। राज्य की जीडीपी में इन उद्योगों का एक बड़ा हिस्सा है, लेकिन पिछले कुछ दशकों में यह महसूस किया गया है कि राज्य की आर्थिक वृद्धि की गति को बनाए रखने के लिए इन पारंपरिक उद्योगों के साथ-साथ नए क्षेत्रों में भी निवेश और विकास की आवश्यकता है। राजस्थान की विशाल भौगोलिक संरचना, जो इसे भारत के सबसे बड़े राज्यों में से एक बनाती है, एक चुनौतीपूर्ण परिदृश्य प्रस्तुत करती है। राज्य के अधिकांश हिस्सों में जल की कमी, शुष्क जलवायु, और जनसंख्या का असमान वितरण राज्य के आर्थिक विकास में बाधा उत्पन्न करते हैं। इसके बावजूद, राजस्थान ने अपनी अनूठी सांस्कृतिक धरोहर, पर्यटन, और कुटीर उद्योगों के माध्यम से अपनी आर्थिक धरोहर को जीवित रखा है। परंपरागत उद्योगों के साथ-साथ, राज्य ने सूचना प्रौद्योगिकी, शिक्षा, और सेवा क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण प्रगति की है। जयपुर, जो राज्य की राजधानी है, ने विशेष रूप से सूचना प्रौद्योगिकी और शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण विकास देखा है। हालांकि, यह विकास अधिकांशतः कुछ ही प्रमुख शहरों तक सीमित रहा है, और राज्य के दूर-दराज के इलाकों में आर्थिक गतिविधियों की कमी बनी हुई है। स्टार्टअप के क्षेत्र में स्टार्टअप इकोसिस्टम एवं निवेश: आज के डिजिटल युग में, स्टार्टअप्स ने विश्वभर में आर्थिक विकास के नए रास्ते खोले हैं। यह न केवल नए विचारों और नवाचारों को जन्म देते हैं, बल्कि रोजगार सृजन, निवेश आकर्षण, और आर्थिक गतिशीलता में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। राजस्थान में भी पिछले एक दशक में स्टार्टअप संस्कृति ने तेजी से अपना स्थान बनाया है। राजस्थान का स्टार्टअप इकोसिस्टम धीरे-धीरे विकसित हो रहा है, और यह देखा जा रहा है कि राज्य के युवा उद्यमियों में नवाचार और उद्यमिता की भावना बढ़ रही है। जयपुर, उदयपुर, जोधपुर जैसे शहरों में स्टार्टअप्स की संख्या में वृद्धि हुई है, और राज्य के बाहर से भी निवेशक इस क्षेत्र में रुचि दिखा रहे हैं। हालांकि, राजस्थान का स्टार्टअप इकोसिस्टम अभी भी अपनी प्रारंभिक अवस्था में है और इसे अधिक सशक्त बनाने के लिए कई कदम उठाने की आवश्यकता है। इनमें वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता, बुनियादी ढांचे का विकास, और उद्यमियों के लिए आवश्यक समर्थन प्रणाली का निर्माण शामिल है। राजस्थान में स्टार्टअप एवं उद्यमिता: उद्यमिता को राजस्थान के आर्थिक विकास का इंजन बनाने की दिशा में राज्य सरकार ने कई पहल की हैं। उद्यमिता न केवल आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करती है, बल्कि यह राज्य के युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी पैदा करती है। राजस्थान में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे सुधार, और तकनीकी शिक्षा में हो रही वृद्धि ने राज्य के युवाओं में उद्यमिता के प्रति रुचि बढ़ाई है। आज, राजस्थान के कई युवा उद्यमी न केवल राज्य बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बना रहे हैं। कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, और ई-कॉमर्स जैसे क्षेत्रों में स्टार्टअप्स ने राज्य की आर्थिक धारा को बदलने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं। राजस्थान में स्टार्टअप में निवेशकों की भूमिका: राजस्थान के स्टार्टअप्स के विकास में निवेशकों की भूमिका अत्यधिक महत्वपूर्ण है। निवेशक, जोकि किसी भी स्टार्टअप के लिए वित्तीय समर्थन का मुख्य स्रोत होते हैं, स्टार्टअप के विचारों को व्यावसायिक रूप देने में मदद करते हैं। राजस्थान में निवेशकों की रुचि बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने कई कदम उठाए हैं, जिसमें निवेशकों को कर में छूट, वित्तीय सहायता, और अन्य प्रकार के प्रोत्साहन शामिल हैं। हालांकि, अभी भी राज्य में पर्याप्त निवेश नहीं हो रहा है, और अधिकांश निवेशक राज्य के बाहर के होते हैं। राजस्थान के स्टार्टअप्स को अधिक निवेश आकर्षित करने के लिए न केवल उनके विचारों में नवाचार की आवश्यकता है, बल्कि राज्य में निवेशकों के लिए एक आकर्षक माहौल बनाने की भी आवश्यकता है। राजस्थान में स्टार्टअप नीतियाँ: राजस्थान सरकार ने स्टार्टअप्स के विकास को प्रोत्साहित करने के लिए कई नीतियाँ और योजनाएँ लागू की हैं। राज्य सरकार का उद्देश्य राज्य को एक उद्यमिता हब के रूप में विकसित करना है, जहाँ उद्यमियों को आवश्यक संसाधन, समर्थन और प्रोत्साहन मिल सके। सरकार की "राजस्थान स्टार्टअप पॉलिसी" और "मुख्यमंत्री युवा उद्यमिता योजना" जैसी नीतियाँ राज्य के उद्यमियों को वित्तीय सहायता, तकनीकी प्रशिक्षण, और अन्य प्रकार के प्रोत्साहन प्रदान करती हैं। इन नीतियों का उद्देश्य राज्य के युवाओं को उद्यमिता की दिशा में प्रोत्साहित करना और उन्हें अपने विचारों को व्यावसायिक रूप देने में सहायता करना है। राजस्थान में स्टार्टअप की चुनौतियाँ और अवसर: राजस्थान में स्टार्टअप्स के सामने कई चुनौतियाँ हैं। इनमें वित्तीय संसाधनों की कमी, तकनीकी विशेषज्ञता की आवश्यकता, और बाजार की पहुंच शामिल हैं। इसके अलावा, राज्य के ग्रामीण और दूर-दराज के इलाकों में स्टार्टअप्स को स्थापित करना और उन्हें सफल बनाना एक बड़ी चुनौती है। इसके बावजूद, राजस्थान में स्टार्टअप्स के लिए कई अवसर भी मौजूद हैं। राज्य की सांस्कृतिक धरोहर, पर्यटन, और कुटीर उद्योगों में नवाचार की संभावना है। इसके अलावा, राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि और खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में भी स्टार्टअप्स के लिए बड़े अवसर हैं। राजस्थान में स्टार्टअप्स का विकास राज्य के आर्थिक विकास के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है। स्टार्टअप्स न केवल नए रोजगार के अवसर प्रदान करते हैं, बल्कि राज्य की आर्थिक धारा को भी बदलने की क्षमता रखते हैं। इसके लिए राज्य सरकार, उद्यमियों, और निवेशकों को मिलकर काम करने की आवश्यकता है, ताकि राज्य में एक सशक्त स्टार्टअप इकोसिस्टम का निर्माण हो सके। राजस्थान के भविष्य के आर्थिक विकास में स्टार्टअप्स की भूमिका को समझना और उन्हें समर्थन प्रदान करना समय की आवश्यकता है। यदि राज्य सरकार, उद्यमी, और निवेशक मिलकर कार्य करें, तो राजस्थान न केवल एक सांस्कृतिक और पर्यटन हब के रूप में, बल्कि एक उद्यमिता हब के रूप में भी अपनी पहचान बना सकता है। 2. साहित्य समीक्षा (Literature Review): साहित्य समीक्षा किसी भी शोध कार्य का एक महत्वपूर्ण अंग होती है, क्योंकि यह अध्ययन के लिए एक सैद्धांतिक और पृष्ठभूमि का निर्माण करती है। राजस्थान के स्टार्टअप इकोसिस्टम, उद्यमिता, और आर्थिक विकास पर आधारित यह साहित्य समीक्षा विभिन्न शोध पत्रों, रिपोर्ट्स, और पुस्तकों का विश्लेषण करती है, जो इन विषयों के संदर्भ में मौजूदा ज्ञान और समझ को उजागर करती है। इस समीक्षा में वैश्विक और राष्ट्रीय स्तर पर स्टार्टअप्स के प्रभाव, राजस्थान में स्टार्टअप्स के विकास पर किए गए पिछले अध्ययन, और उद्यमिता के सामाजिक-सांस्कृतिक पहलुओं पर गहन विचार किया गया है। 2.1 वैश्विक और राष्ट्रीय स्तर पर साहित्यिक समीक्षा : स्टार्टअप्स ने 21वीं सदी में वैश्विक आर्थिक परिदृश्य को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। नए विचारों और नवाचारों के साथ उद्यमिता का उभार न केवल रोजगार सृजन का एक नया स्रोत बना, बल्कि यह वैश्विक अर्थव्यवस्था में प्रतिस्पर्धा और विकास के नए द्वार भी खोलने वाला साबित हुआ। एक प्रमुख अध्ययन में ऑस्टिन, स्टीवेन्सन, और वेई (2021) ने वैश्विक स्तर पर स्टार्टअप्स के प्रभाव का विश्लेषण किया। उन्होंने तर्क दिया कि स्टार्टअप्स अर्थव्यवस्था को गतिशील बनाने और नवाचार को प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उनका मानना था कि स्टार्टअप्स उन उद्योगों में नई ऊर्जा भरते हैं, जहाँ पारंपरिक कंपनियाँ धीमी हो चुकी होती हैं। इसी प्रकार, शेन और वेन्कटारमन (2019) ने अपने शोध में यह दर्शाया कि उद्यमिता और नवाचार के माध्यम से नए व्यवसायों का सृजन आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देता है। उन्होंने यह बताया कि नए स्टार्टअप्स की स्थापना से न केवल नए उत्पाद और सेवाएँ उत्पन्न होती हैं, बल्कि इससे तकनीकी विकास और बाजार की गतिशीलता में भी वृद्धि होती है। भारत के संदर्भ में, बाईजू और वेंकटेश (2017) ने भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम पर अपने अध्ययन में यह निष्कर्ष निकाला कि भारत में स्टार्टअप्स ने सेवा क्षेत्र और सूचना प्रौद्योगिकी में क्रांतिकारी परिवर्तन लाए हैं। उनके अध्ययन में यह पाया गया कि भारतीय स्टार्टअप्स न केवल नए रोजगार के अवसर पैदा कर रहे हैं, बल्कि वे वैश्विक बाजार में भी अपनी जगह बना रहे हैं। एक अन्य महत्वपूर्ण अध्ययन में, शर्मा और सिंह (2016) ने भारत में स्टार्टअप्स की विकास यात्रा और उनके द्वारा उत्पन्न की गई चुनौतियों का विश्लेषण किया। उन्होंने पाया कि भारतीय स्टार्टअप्स को पूंजी, बुनियादी ढांचे, और तकनीकी विशेषज्ञता की कमी के कारण कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, लेकिन इन चुनौतियों के बावजूद उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। 2.2 राजस्थान में स्टार्टअप्स पर साहित्यिक समीक्षा: राजस्थान, जो अपनी सांस्कृतिक धरोहर और पर्यटन के लिए प्रसिद्ध है, ने पिछले कुछ वर्षों में स्टार्टअप्स के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति की है। राज्य के स्टार्टअप इकोसिस्टम पर कई अध्ययन किए गए हैं, जिनमें उद्यमियों, निवेशकों, और नीति निर्माताओं के दृष्टिकोण से इस क्षेत्र का विश्लेषण किया गया है। जयपुर एक अध्ययन में, चौधरी और शर्मा (2023) ने राजस्थान के स्टार्टअप इकोसिस्टम की प्रगति और उसकी चुनौतियों का विश्लेषण किया। उनके अध्ययन में यह पाया गया कि राज्य में उद्यमिता का विकास तेजी से हो रहा है, लेकिन निवेशकों की कमी और बुनियादी ढांचे की समस्याएँ स्टार्टअप्स के विकास में बाधा उत्पन्न कर रही हैं। मिश्रा (2021) ने राजस्थान में कृषि-आधारित स्टार्टअप्स पर अपने शोध में यह तर्क दिया कि राज्य की कृषि अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए स्टार्टअप्स एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने यह भी पाया कि सरकार की नीतियाँ और प्रोत्साहन कृषि क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक हैं। एक अन्य अध्ययन में, सिंह और गुप्ता (2020) ने राजस्थान के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में स्टार्टअप्स की विकास यात्रा का विश्लेषण किया। उन्होंने पाया कि शहरी क्षेत्रों में स्टार्टअप्स की संख्या अधिक है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमिता की भावना को विकसित करने की आवश्यकता है। उनका अध्ययन यह भी दर्शाता है कि राज्य में स्टार्टअप्स को सफल बनाने के लिए नीति-निर्माण में स्थानीय परिस्थितियों और आवश्यकताओं का ध्यान रखना आवश्यक है। 3. अध्ययन के उद्देश्य (Objective of the Studies) राजस्थान में स्टार्टअप्स का विकास एक महत्वपूर्ण आर्थिक विषय बन गया है, जिसे समझना और इसके विभिन्न पहलुओं का विश्लेषण करना आवश्यक है। इस अध्ययन के माध्यम से विभिन्न कारकों, संभावनाओं, और चुनौतियों का गहन अध्ययन करने का प्रयास किया गया है, जो राजस्थान में स्टार्टअप्स के विकास को प्रभावित करते हैं। अध्ययन के मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं: 3.1 राजस्थान में स्टार्टअप्स के विकास की संभावनाओं का विश्लेषण करना । 3.2 स्टार्टअप्स के सामने आने वाली चुनौतियों की पहचान और विश्लेषण करना । 3.3 उद्यमियों और निवेशकों की भूमिका का मूल्यांकन करना । 3.4 सरकारी नीतियों का प्रभाव और उनका विश्लेषण करना । 3.5 विभिन्न आर्थिक क्षेत्रों में स्टार्टअप्स के योगदान का आकलन करना । 3.6 स्थानीय और वैश्विक स्तर पर राजस्थान के स्टार्टअप्स की प्रतिस्पर्धात्मकता का विश्लेषण करना । 3.7 स्टार्टअप्स और रोजगार सृजन के बीच संबंधों का मूल्यांकन करना । 3.8 राजस्थान में स्टार्टअप्स के विकास के लिए भविष्य की संभावनाओं का आकलन करना । इन उद्देश्यों के माध्यम से, यह अध्ययन राजस्थान में स्टार्टअप्स के विकास और उनके प्रभावों की व्यापक समझ प्रदान करेगा, जो राज्य की आर्थिक नीति निर्माण में सहायक सिद्ध हो सकता है। 4. अध्ययन की परिकल्पना (Hypothesis of the Study) इस अध्ययन की परिकल्पना राजस्थान के स्टार्टअप इकोसिस्टम और इसके विकास के विभिन्न आयामों पर आधारित है। अध्ययन के दौरान निम्नलिखित परिकल्पनाएँ स्थापित की गई हैं, जिन्हें विश्लेषण और शोध के माध्यम से प्रमाणित या खारिज किया जाएगा: 4.1 परिकल्पना 1: राजस्थान में स्टार्टअप्स के विकास के लिए पर्याप्त संभावनाएँ हैं । 4.2 परिकल्पना 2: स्टार्टअप्स के विकास में मुख्य बाधा वित्तीय संसाधनों की कमी है । 4.3 परिकल्पना 3: राजस्थान में सरकारी नीतियाँ स्टार्टअप्स के विकास को प्रभावी रूप से प्रोत्साहित कर रही हैं। 4.4 परिकल्पना 4: स्टार्टअप्स का योगदान राज्य के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण है । 4.5 परिकल्पना 5: राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों में स्टार्टअप्स के विकास की गति धीमी है । 4.6 परिकल्पना 6: राजस्थान के स्टार्टअप्स की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता में वृद्धि हो रही है । 4.7 परिकल्पना 7: सामाजिक पूंजी और नेटवर्किंग राजस्थान में स्टार्टअप्स के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं: इन परिकल्पनाओं के आधार पर, अध्ययन का उद्देश्य राजस्थान में स्टार्टअप्स के विकास की संभावनाओं, चुनौतियों, और उनके आर्थिक प्रभाव का गहन विश्लेषण करना है। अध्ययन के निष्कर्ष इन परिकल्पनाओं को प्रमाणित या खारिज करने में सहायक सिद्ध होंगे, जिससे राजस्थान में स्टार्टअप्स के विकास के लिए संभावित रणनीतियों को विकसित करने में मदद मिलेगी । 5. शोध पद्धति (Research Methodology): इस अध्ययन का उद्देश्य राजस्थान में स्टार्टअप्स के विकास, उनके सामने आने वाली चुनौतियों, और उनके आर्थिक प्रभाव का गहन विश्लेषण करना है। इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए अनुसंधान पद्धति के रूप में गुणात्मक और मात्रात्मक दोनों तरीकों का समन्वय किया गया है। इस समग्र दृष्टिकोण से अध्ययन को अधिक व्यापक और सटीक बनाने का प्रयास किया गया है। अनुसंधान पद्धति के प्रमुख घटक निम्नलिखित हैं: 5.1 गुणात्मक शोध गुणात्मक अनुसंधान पद्धति के तहत, अध्ययन में राजस्थान के स्टार्टअप इकोसिस्टम के विभिन्न पहलुओं को समझने के लिए साक्षात्कार, केस स्टडीज, और फील्ड वर्क का उपयोग किया गया है। इस प्रक्रिया में विभिन्न हितधारकों की अंतर्दृष्टियों और अनुभवों को ध्यान में रखते हुए निष्कर्ष निकाले गए हैं। साक्षात्कार (Interviews): • साक्षात्कार की विधि का उपयोग उन उद्यमियों, निवेशकों, और सरकारी अधिकारियों के साथ किया गया, जो राजस्थान में स्टार्टअप्स के विकास में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। • इन साक्षात्कारों के माध्यम से स्टार्टअप्स की सफलता और विफलता के प्रमुख कारणों, सरकारी नीतियों के प्रभाव, और उद्यमियों द्वारा सामना की गई चुनौतियों के बारे में जानकारी प्राप्त की गई। • साक्षात्कारों के दौरान ओपन-एंडेड प्रश्नों का उपयोग किया गया, ताकि उत्तरदाता अपने विचारों को विस्तार से व्यक्त कर सकें। 5.2 मात्रात्मक शोध मात्रात्मक अनुसंधान पद्धति के तहत, अध्ययन में सर्वेक्षण और द्वितीयक डेटा विश्लेषण का उपयोग किया गया है। इस प्रक्रिया के माध्यम से संख्यात्मक डेटा एकत्रित करके विश्लेषण किया गया है, जो अध्ययन के निष्कर्षों को अधिक सटीक और विश्वसनीय बनाता है। सर्वेक्षण (Surveys): • एक व्यापक सर्वेक्षण का आयोजन किया गया, जिसमें राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित उद्यमियों और निवेशकों को शामिल किया गया। • सर्वेक्षण में विभिन्न सवालों के माध्यम से स्टार्टअप्स के विकास, उनके द्वारा सामना की जाने वाली चुनौतियों, सरकारी नीतियों के प्रभाव, और भविष्य की योजनाओं के बारे में डेटा एकत्रित किया गया। • डेटा संग्रहण के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों विधियों का उपयोग किया गया, जिससे सर्वेक्षण में अधिक से अधिक प्रतिभागियों की भागीदारी सुनिश्चित की जा सके। .
Keywords: .
Cite Article: "राजस्थान में स्टार्टअप फ्यूचर्स : उद्यमी, निवेशक और राजस्थान के आर्थिक विकास की संभावना :एक अध्ययन", International Journal of Science & Engineering Development Research (www.ijrti.org), ISSN:2455-2631, Vol.9, Issue 8, page no.159 - 167, August-2024, Available :http://www.ijrti.org/papers/IJRTI2408025.pdf
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ISSN: 2456-3315 | IMPACT FACTOR: 8.14 Calculated By Google Scholar| ESTD YEAR: 2016
An International Scholarly Open Access Journal, Peer-Reviewed, Refereed Journal Impact Factor 8.14 Calculate by Google Scholar and Semantic Scholar | AI-Powered Research Tool, Multidisciplinary, Monthly, Multilanguage Journal Indexing in All Major Database & Metadata, Citation Generator
Publication Details: Published Paper ID: IJRTI2408025
Registration ID:190235
Published In: Volume 9 Issue 8, August-2024
DOI (Digital Object Identifier):
Page No: 159 - 167
Country: tonk, Rajasthan, india
Research Area: Arts
Publisher : IJ Publication
Published Paper URL : https://www.ijrti.org/viewpaperforall?paper=IJRTI2408025
Published Paper PDF: https://www.ijrti.org/papers/IJRTI2408025
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Impact Factor: 8.14 and ISSN APPROVED, Journal Starting Year (ESTD) : 2016

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