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धरती पर जीवन के अस्तित्व को बनाये रखने के लिये जल का संरक्षण और बचाव बहुत जरूरी होता है क्योंकि बिना जल के जीवन सभव नहीं है। पूरे ब्रह्माण्ड में एक अपवाद के रुप में धरती पर जीवन चक्र को जारी रखने में जल मदद करता है क्योंकि धरती इकलौता अकेला ऐसा ग्रह है जहाँ पानी और जीवन मौजूद है। पानी की जरुरत हमारे जीवन भर है इसलिये इसको बचाने के लिये केवल हम ही जिम्मेदार हैं। संयुक्त राष्ट्र के संचालन के अनुसार, ऐसा पाया गया है कि राजस्थान में लड़कियाँ स्कूल नहीं जाती हैं क्योंकि उन्हें पानी लाने के लिये लंबी दूरी तय करनी पड़ती है जो उनके पूरे दिन को खराब कर देती है इसलिये उन्हें किसी और काम के लिये समय नहीं मिलता है।
हम सभी जानते हैं कि जल सभी जीवित प्राणियों के अस्तित्व के लिए कितना महत्त्वपूर्ण है। आपने यह भी जानकारी प्राप्त कर ली होगी कि प्रयोग करने योग्य पानी की कमी होती जा रही है। यहाँ पर पानी के संरक्षण के कुछ महत्त्वपूर्ण उपाय प्रत्येक व्यक्ति समुदाय तथा जल संरक्षण में सरकार का योगदान की भूमिका के बारे में जान जाएँगे। जल संरक्षण लोगों की अच्छी आदत से संभव है। राष्ट्रीय अपराध रिकार्डस् ब्यूरो के सर्वेक्षण के अनुसार, ये रिकार्ड किया गया है कि लगभग 16,632 किसान (2,369 महिलाएँ) आत्महत्या के द्वारा अपने जीवन को समाप्त कर चुकें हैं, हालांकि, 14.4% मामले सूखे के कारण घटित हुए हैं। इसलिये हम कह सकते हैं कि भारत और दूसरे विकासशील देशों में अशिक्षा, आत्महत्या, लड़ाई और दूसरे सामाजिक मुद्दों का कारण भी पानी की कमी है। पानी की कमी वाले ऐसे क्षेत्रों में, भविष्य पीढ़ी के बच्चे अपने मूल शिक्षा के अधिकार और खुशी से जीने के अधिकार को प्राप्त नहीं कर पाते हैं।
पृथ्वी पूरे ब्रह्माण्ड का एकमात्र ऐसा ग्रह है जहाँ पानी और जीवन आज की तारीख तक मौजूद है। इसलिये, हमें अपने जीवन में जल के महत्व को दरकिनार नहीं करना चाहिये और सभी मुमकिन माध्यमों के प्रयोग से जल को बचाने की पूरी कोशिश करनी चाहिये। पृथ्वी लगभग 71% जल से घिरी हुई है हालांकि, पीने के लायक बहुत कम पानी है। पानी को संतुलित करने का प्राकृतिक चक्र स्वत: ही चलता रहता है जैसे वर्षा और वाष्पीकरण। हालांकि, धरती पर समस्या पानी की सुरक्षा और उसे पीने लायक बनाने की है जोकि बहुत ही कम मात्रा में उपलब्ध है।
Keywords:
वर्षा ,जल ,कृषि ,उत्पादकता, अर्थव्यवस्था, रोजगार
Cite Article:
"राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्र में जल का उपयोग एवं मानव स्वास्थ्य का अध्ययन", International Journal of Science & Engineering Development Research (www.ijrti.org), ISSN:2455-2631, Vol.7, Issue 8, page no.1939 - 1945, August-2022, Available :http://www.ijrti.org/papers/IJRTI2208294.pdf
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ISSN:
2456-3315 | IMPACT FACTOR: 8.14 Calculated By Google Scholar| ESTD YEAR: 2016
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